गुरुवार, 25 अगस्त 2016

!! तीनों लोकों के पालनहार, बन गए आज मैया के लाल!!


तीनों लोकों  के पालनहार
जिनकी इच्छा से चले काल
परमपुरुष, परमात्मा,  स्वराट
बन गए आज मैया  के लाल.

श्यामल वर्ण, कमल नयन
रक्तिम अधर सुंदर सुकुमार.
घुंघराले काले बादल से केश
छोटा-सा नन्हा-सा तारणहार.

जब भी प्रकट होते प्रभु तब
सारी सृष्टि मनाती है उत्सव.
उनके प्राकट्य दिवस से बढ़कर
कहाँ कहीं कोई और महोत्सव.

मनाये महोत्सव करे प्रार्थना
हृदय हमारा उनका हो जाए.
मन, वाणी, बुद्धि ,प्राण तक में
बस साँवली सूरत ही छा जाए.