गोपी गीत



1.गोपियों की ये करुण पुकार, सुन लो हे ब्रज राज कुमार

तेरे कारण महिमा ब्रज की
तूने बढ़ाया इसका मान
तेरे जन्म से हुई ये पावन
वैकुंठ से भी हुई महान

छोड़ के सारे धन और वैभव
लक्ष्मी सेवा करती हैं यहाँ
हम क्या छोड़े तू ही बता
तेरे सिवा कुछ है ही कहाँ

प्राण हमारे तेरे चरण में
हम तो हैं सिर्फ तेरी शरण में
वन-वन में हम ढूँढ रही
छवि न आयी हमरी नयन में .