सोमवार, 9 नवंबर 2015

!!धरती के लोगों का जीवन- प्राण है, कथा का दान ही सबसे बड़ा दान है!!

 
"तव कथामृतं तप्तजीवनं
     कविभिरीडितं कल्मषापहम् ।
श्रवणमङ्गलं श्रीमदाततं
     भुवि गृणन्ति ते भूरिदा जनाः ॥ ९॥ "
 
आपकी कथायें, आपकी लीलायें
शोक को मिटायें, आनंद बढाये .
जो भी इन्हें गाये, औरों को सुनाये
वही सबसे बड़ा दाता कहलाये.

कथाएँ आपकी कष्टों को हरती हैं
भवसिंधु में डूबे की नौका बनती है.
पापों का जड़ से नाश करके ये
जीवन में सिर्फ सौभाग्य भरती है.

धरती के लोगों का जीवन- प्राण है
कथा का दान ही सबसे बड़ा दान है.
सारे जग में फ़ैली ये कथाएं ही तो
मानव के लिए सर्वोत्तम वरदान है.

ऋषि मुनियों के मुख से प्रसारित
ऐसा अमृत जो सबको ही सुलभ है.
यह कथामृत तो मिला दे कृष्ण से
जो बड़े-बड़े योगियों को भी दुर्लभ हैं.