सोमवार, 3 सितंबर 2012

मोहन तू बन जाए मेरा जीवन



ये तेरी घुंघराली-सी
अलकन
ये तेरा चंचल-सा
चितवन
बस जाए इसमे अपना
मन
मोहन तू बन जाए मेरा
जीवन
तेरे नाम ही गाए ये
धड़कन

ऐसा जो हो तो है वो
जिंदगी
वरना मरने को जीते हैं
सभी.

ये मानव जीवन हो जाए
सफल
फिर आये -न-आये चाहे
कोई कल.

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मुरलीधारी मधुर मनोहर..

Blogvarta ने कहा…

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Nepalnaama ने कहा…

वाह