
सोचूँ मै अक्सर कि
इतना क्यूँ हैं तू दयालु
बरसती है हर क्षण कृपा.
कभी हम समझे,कभी न समझे
इससे अछूती हरपल हरदम
बहती रहती तेरी करुणा.
भूले हम जो तूने दिया
जो न दिया उसके लिए कोसा
जानते हुए भी ये धोखेबाजियाँ
हर दिन तू देता ही गया.
बिता वक्त तो समझा मन
जो हमारे हित में था नही
वही तो तूने दिया नही.
बोले कभी न कर दे सब कुछ
खामोश रह पाए न सुनकर सदा.
कैसी अलबेली है तेरी अदा.
2 comments:
बिता वक्त तो समझा मन
जो हमारे हित में था नही
वही तो तूने दिया नही.
बहुत सुंदर
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.
मेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें
दिनेश पारीक
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