गुरुवार, 8 जनवरी 2009

रिश्ता जुड़े तो सिर्फ़ भगवान से










सुध-बुध ही नही रहती जग की

काश मै मीरा बन पाती

कांटे भी नही दिखती पग की

कान्हा के डगर पे चलती जाती


एक नाम बस कान्हा का ले

उसमे ही ख़ुद को रमाती

जग के जंजालों में न फँसती

उसमे कभी जी ही न लगाती


ये दुनिया तो बस माया है

सब यहाँ अपने स्वार्थ को जीते

अमृत तो है बस एक नाम प्रभु का

जिस में बिना सोचे विष भी पीते


भक्ति मिले तो ऐसी मिले कि

मोह न रह पाए फ़िर किसी इन्सान से

पर बड़ा मुश्किल है मिलना ये सुख

कि रिश्ता जुड़े तो सिर्फ़ भगवान से


इतनी कृपा बस कर दो आप

भर दो मेरे सांसों और लहू में भक्ति

अब न रहा इतना हौसला मुझमे

न रही तेरी माया से लड़ने की शक्ति


भक्ति के बिना जीवन ये अपना

लगे बिल्कुल ही अधूरा-अधूरा

अधूरे को साथ ले कब तक चलूँ

बना दे कृष्णा इसको अब पूरा