हलधर के हाथों में सौप दे
रक्षा का भार
फिर अगले जन्म का रक्षाबंधन
मनेगा इस दुनिया के पार.
सृष्टि का सबसे सुंदर उपहार
यही हमें दिला सकते हैं.
आदि गुरु बलदाऊ ही कृष्ण
के पास पहुंचा सकते हैं.
रक्षा करने में हैं सक्षम
बंधन निभाने को सदा तैयार
दाऊ भैया के जन्मदिन पे
उन संग ही मनाए राखी का त्योहार.
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