जीवन में रंग कितने देखे पर
श्याम रंग का कोई जोर नही है.
वासना, तृष्णा सबको मिटा दे
इस रंग का कोई तोड़ नही है.
श्याम रंग का कोई जोर नही है.
वासना, तृष्णा सबको मिटा दे
इस रंग का कोई तोड़ नही है.
आँखों में भर जाए रंग ऐसा
सारी सृष्टि ही दिखे श्याम जैसा.
कण-कण में दिखे कृष्ण कृपा
हर दुःख में दिखे आनंद छिपा.
रंगहीन दुनिया के खोखले रंग
रंग सकते नही हमारी अंतरात्मा.
श्याम रंग से रंगने को आतुर
जन्मों से बिलख रही है ये आत्मा.
भगवान् के भक्तों के पास है रंग
सत्संग से हम पर जो चढ़ता है.
सेवा से हो जाता पक्का वो ऐसा
कि फिर कभी नही वो उतरता है.
सारी सृष्टि ही दिखे श्याम जैसा.
कण-कण में दिखे कृष्ण कृपा
हर दुःख में दिखे आनंद छिपा.
रंगहीन दुनिया के खोखले रंग
रंग सकते नही हमारी अंतरात्मा.
श्याम रंग से रंगने को आतुर
जन्मों से बिलख रही है ये आत्मा.
भगवान् के भक्तों के पास है रंग
सत्संग से हम पर जो चढ़ता है.
सेवा से हो जाता पक्का वो ऐसा
कि फिर कभी नही वो उतरता है.
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें