बुधवार, 7 सितंबर 2011

ये बातें नही है डराने की, ये बातें हैं अपनाने की.

हर क्षण,हर पल
आज और कल
सबकुछ जाता बदल
दिल जाता दहल

किसका भरोसा
किसका सहारा
किसके हैं हम
है कौन हमारा

निकले थे घर से
पर लौट न पाए
बैठी थी मौत
उनकी घात लगाए

जाने कब किस मोड़ पे
जिंदगी साथ छोड़ दे
जाने कब साँसे हमसे
रिश्ता सारा तोड़ दे.

कर ले तैयारी जाने की
प्रभु की भक्ति पाने की
ये बातें नही है डराने की
ये बातें हैं अपनाने की.

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

भक्ति आनन्दमयी है।

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

jane kb kis mod pe jindgi sath chod de bhut acha.