हे राधे व्रज की ठकुरानी.
मोह जगा दे मेरा तुझमे
माया में फंसी मै अज्ञानी.
हे नीले नैनोवाली राधे
चरणन में अपनी प्रीत जगा दे.
कभी भूले से भी न भूलूँ तुझको
ऐसे हृदय में इसे बिठा दे.
हे परमेश्वरी,हे महेश्वरी
हे कृष्ण की अराधेश्वरी.
रास्ता दिखा अपने चरणों का
उल्टे रस्ते पर मै हूँ खड़ी.
हे श्यामप्रिया,हे वृषभानु सुता
हे महाभाव की अधिष्ठात्री
भाव जगा दे शून्य हृदय में
जो मिट जाए अज्ञान की रात्रि.
हे माधव की संगिनी
हे केशव की प्रियतमा.
मुझे लगा ले सेवा में
करके सब भूल क्षमा.
2 comments:
बहुत सुन्दर प्रार्थना।
राधे राधे बोल।
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