मेरे भी थे पहले अपने कई बड़ा था मुझे इसका गुमान.कई-कई रिश्ते,कई-कई नाते हर रिश्ते से जुडा एक अरमान.वक्त ने तोड़े वो रिश्ते सारे कच्ची थी उनकी जो डोर.फिर जुडा तुझसे सुन्दर नाता चुरा लिया मन को माखनचोर.न झूठे न सच्चे कोई नही है तू ही तू इस जीवन में.तेरे सिवा कोई मंजिल नही बाँधे रखना अपने बंधन में.मेरे जैसे होंगे लाखों तेरेमेरा तो बस तू ही कान्हा.होते हैं सबके लाखों ठिकानेमेरा तो बस तू ही ठिकाना .
सोमवार, 11 जुलाई 2011
मेरे जैसे होंगे लाखों तेरे मेरा तो बस तू ही कान्हा, होते हैं सबके लाखों ठिकाने मेरा तो बस तू ही ठिकाना .
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1 comments:
एक केन्द्र, हम सबका।
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