मंगलवार, 3 मई 2011

सहारा मुझे हो बस एक तेरा,ऐसे बन जाओ मेरे जीवन आधार.

हर दम ,हर पल,हर क्षण कान्हा

अंखियों में रहना कही मत जाना.
फिर ढूँढना तुझको मुश्किल होगा
नामुमकिन सहना तेरा चले जाना.

आँखों में न हो इतनी जगह भी
कि माया दुनिया उसमे समाये.
बस जाओ मेरे दिल में ऐसे कि
और कोई रिश्ता जगह न बनाए.

हो होठों पे हरदम तेरा नाम ऐसे
कि बोलूँ तो निकले तू ही उससे.
जुड़े न मन कही और किसी से
जुड़ जाए मन बस मोहन तुझसे.

बातें बताऊँ त्तुझे सब अपनी
कही और जाने कि जरूरत न हो.
अपनी कोई अलग चाहत न हो
चाहूँ मै सिर्फ वही जो तुम कहो.

मेरी दुनिया तुझ तक सिमट जाए
तुझ से ही हो मेरा परिवार .
सहारा मुझे हो बस एक तेरा
ऐसे बन जाओ मेरे जीवन आधार.