सोमवार, 14 मार्च 2011

कब करूंगी प्यार तुझसे मै कान्हा, सब कुछ दिया तूने ही ये प्यार भी दे दे न.

दो बूँदे आँखों से जो गिरी

लगा कि मुझको
तुझसे हो गया प्यार.
हाँ हुआ यकीन
कि कान्हा से
हो गया सच में प्यार.

कहते सुना था सबको मैंने
प्यार में उसके
आँसू आँखों से झड़ते.
रोके चाहे कितना भी इंसा
ये आसूँ
रोके से न रूकते.

बहे जो ये
आँसू मेरे
क्या सच में बहे
प्यार में तेरे.

दिल को टटोला
निकली कशक.
ये तो था कोई
मलाल अपना.

ये धोखा दिया
मैंने तुमको.
या देख लिया
यूँ ही कोई सपना.

आँसू बहे
प्यार मे तेरे कभी न .
होगा गर प्यार
बहेंगे तभी न.

कब रोयेगा दिल
और देंगी साथ आँखें.
कब लगेगा मुझे कि
बुलाये तेरी बाहें.

कब करूंगी प्यार
तुझसे मै कान्हा.
सब कुछ दिया तूने ही
ये प्यार भी दे दे न.

3 comments:

vandana gupta ने कहा…

लगा मेरे दिल की ही बात कह दी…………बेहद उम्दा।

bilaspur property market ने कहा…

होली की हार्दिक शुभकामनाएं
manish jaiswal
bilaspur
chhattisgarh

Dinesh pareek ने कहा…

आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-

रंग के त्यौहार में
सभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।

आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो।