शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

ऐसे हैं कृष्णा मेरे जो भक्त के लिए क्या नही कर जाते हैं



मेरा भोला-सा कन्हैया
उसके नन्हे-नन्हे पाँव |
वो करे अपनी अटखेलियाँ,
नंद बाबा के गाँव ||

मैया की ममता,
बाबा का दुलार |
फिर जगपति बन गए,
ब्रज के राजकुमार ||

भूल गए सारा ऐश्वर्य,
फिर तो सुदर्शनधारी |
बन गए वो ग्वाल बाल,
जब भक्त बनी महतारी ||

नंद बाबा के खडाऊं,
कैसे सिर पे हैं वो उठाये |
जिनके चरणों के दर्शन को,
देवता भी तरस जाएँ ||

वो जो है परमपिता ,
वो अपने भक्त को पिता भी बनाते हैं|
ऐसे हैं कृष्णा मेरे जो ,
भक्त के लिए क्या नही कर जाते हैं ||

2 comments:

nilesh mathur ने कहा…

बहुत सुन्दर !

bilaspur property market ने कहा…

नयन बरसे नीर हे बाके बिहारी मुझे आपनी भक्ति दे दो