जन्म - जन्म के हमसफ़र का
हमारे ह्रदय में ही है ठिकाना
बीत गए जाने कितने युग
हमने अब तक नही पहचाना
कब से राह देख रहा वो
अंतर्मन में आस लगाए
क्या कोई प्रेमी होगा ऐसा
क्या कोई ऐसे साथ निभाये
जहाँ जाए वो साथ जाता
अन्दर ही तो रहता है
इतने पास रहकर भी हम
सुन न पाए क्या कहता है
बिठाकर दिल के कोने में
प्रियतम को हमने बिसराया
कैसी बेवफाई , सामने उसके
हमने औरों को गले लगाया
प्रीत की रीति उसने निभायी
सारे जग से जब धोखा खाया
तो आँसू हमारे पोंछने तब
पहला हाथ उसका ही आया
सारी सृष्टि का एक valentine
इधर-उधर फिर क्या भटकना
अब तक नही कही दिल की बात
आज तो इजहारे मुहब्बत करना
हरे कृष्णा !!!
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012
Happy Valentine Day कान्हा
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2 comments:
antarman ke bahut sunder bhakti bhav ko samete raah dikhati samyik bhakti rachna ke liye pankhudi aapko aabhaar.
वाह सारे सृष्टि का वेलेंन्टाइन कमाल की अभिव्यक्ति ।
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