शनिवार, 3 जनवरी 2009

मिलेंगे भगवान




कहते है लोग मिलते
नही है भगवान सरलता से

कभी पुकार कर तो देखो
माँ की व्याकुलता से

ढूंढ़ कर तो देखो शराबी की
तड़प और आकुलता से

विश्वास कर के तो देखो
एक सति की दृढ़ता से

बात जोह कर तो देखो
मिलन की अधीरता से

फ़िर देखो कैसे नही
मिलते हैं भगवान
अंदर ही तो बैठे हैं वो
बस हम हैं इससे अनजान

2 comments:

बेनामी ने कहा…

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बेनामी ने कहा…

Hi , I am new. Better had say hi.

See ya! :) and Thanks (apologise if this is the wrong thread to post this)