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सोमवार, 5 सितंबर 2011

हे मोहन को मोहनेवाली, हे राधे व्रज की ठकुरानी.



हे मोहन को मोहनेवाली
हे राधे व्रज की ठकुरानी.
मोह जगा दे मेरा तुझमे
माया में फंसी मै अज्ञानी.

हे नीले नैनोवाली राधे
चरणन में अपनी प्रीत जगा दे.
कभी भूले से भी न भूलूँ तुझको
ऐसे हृदय में इसे बिठा दे.

हे परमेश्वरी,हे महेश्वरी
हे कृष्ण की अराधेश्वरी.
रास्ता दिखा अपने चरणों का
उल्टे रस्ते पर मै हूँ खड़ी.

हे श्यामप्रिया,हे वृषभानु सुता
हे महाभाव की अधिष्ठात्री
भाव जगा दे शून्य हृदय में
जो मिट जाए अज्ञान की रात्रि.

हे माधव की संगिनी
हे केशव की प्रियतमा.
मुझे लगा ले सेवा में
करके सब भूल क्षमा.


रविवार, 4 सितंबर 2011

किशोरी आज आयी बरसाने में और आया कृपा का सागर.



किशोरी आज आयी बरसाने में
और आया कृपा का सागर.
बात जोह रहे थे कब से उसकी
गोकुल में उसके नटवर नागर .

चिर संगी का साथ देने
आ गई हैं व्रज की महारानी.
गिरिराज भी झूम रहा
झूम रहा यमुना का पानी.

वृषभानु के आँगन में
गूँजी जो राधे की किलकारी.
यशोदा के पलने में सोये
झूम उठे वृन्दावन बिहारी.

व्रज की राज भी धन्य हुई
पड़े यहाँ जो राधे के चरण.
कैसे हुआ है मतवाला
देखो व्रज का कण-कण.

बुधवार, 15 सितंबर 2010

!! जय जय श्री राधे !!

देखो आज बरसाने में

बरस रहा है कैसा ये प्यार
गोलोक से आ गई है राधिका
लिए साथ अपने भक्ति का संसार

राधा गोरी,अपनी किशोरी
लिया है जग में अवतार
वृषभानु के अंगने में देखो
सज रहा है वंदनवार

खुश है सारे व्रज के वासी
बधाई हो रही हर द्वार
देवगण भी कर रहे हैं
कैसे पुष्पों की बौछार

धरती पे आ गई हैं
सारी सृष्टि की पटरानी
जय हो जय हो जय हो
जय हो श्री राधे महारानी

जय जय श्री राधे

शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

!! राधे राधे !!

क्या बोले कान्हा की धडकन

किसको ढूंढें कान्हा निधिवन
कौन चुराए कान्हा का चितवन
कौन समाया कान्हा के मन

किसको पुकारे मुरली की धुन
दौड़े कान्हा किसकी आहट सुन
वृन्दावन में गूंजे किसकी रुनझुन
ब्रज की भूमि गाये किसके गुण


इन सबका है एक ही जवाब
राधे राधे!! राधे राधे !!
राधे राधे!! राधे राधे !!
राधे राधे!! राधे राधे !!