शुक्रवार, 9 जनवरी 2015

!! बड़ी दूर लगते हो आप कभी-कभी प्रभु हमसे !!

बड़ी दूर लगते हो आप
कभी-कभी प्रभु हमसे.
लगे आपने भी भूला दिया 
मैंने भूला आपको जबसे.

मैं तो हूँ भूली-भटकी
पर आप तो हैं अन्तर्यामी.
मैं मानूं या न मानूं प्रभु
आप ही सदा मेरे स्वामी.

मैंने कई रास्ते अपनाए कि
आप सही रास्ता दिखा दोगे
मैं सोती हूँ इसी आस में
कि आप मुझे जगा ही दोगे.