क्षणभंगुर सुख
क्षणभंगुर दुःख
और वैसा ही
क्षणभंगुर है जीवन
जो भंग हो जाए क्षण में
लिए उसे साथ
कैसे जीए जा रहे हम यकीन से.
जैसे नाव में हो छेद
भर रहा पानी
और हम बढे जा रहे यकीन से.
डूबेगी नाव
जाएगा जीवन
सिद्ध न हो पायेगा
उसका प्रयोजन.
हर क्षण को ऐसे जीए कि
जैसे है वह क्षण आखिरीवाला.
क्षण भर भी दूर हो न पाए
चित्त से हमारे वो बांसुरीवाला.
सोमवार, 27 फ़रवरी 2012
क्षणभंगुर है जीवन
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2 comments:
शाश्वत सुख मेरे कान्हा में..
बढ़िया रचना ...
http://jadibutishop.blogspot.com
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