शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

अपने बंधन में बाँध ले कान्हा,मुझको नही कही और है जाना.

अपने बंधन में बाँध ले कान्हा
मुझको नही कही और है जाना.
तुझको भजूं मै तुझको ही सोचू
तुझको ही मैंने सब कुछ माना.

दुनिया के रंग आँखों को चुभते
श्याम रंग बड़ा मुझको है भाता.
हर जन्म में बदलते ये रिश्ते
जन्म-जन्म का बस तुझसे नाता.

बाते लगे अब मुझे सबकी कड़वी
धन-दौलत और दीन-दुनिया की.
दिल चाहे लेना बस नाम तुम्हारा
पर छोड़ तुझे होती बातें सबकी.

रहा न जाए अब मुझसे यहाँ पे
ले चल मुझे अब ,है तू जहाँ पे
या दे दे मुझको इतनी भक्ति कि
जहाँ रहूँ मैं तुझे देखूं वहाँ पे.

जैसे भी कर तू,जो भी कर
पर साथ मेरे तू हरपल रह.
कभी तुझसे करूँ मै दिल की बातें
कभी तू भी मुझसे कुछ अपना कह.