लोग कहते हैं कि तुझे पाना
इतना भी सहज नही है
तुझे पाने के सिवा जीने की
कोई वजह भी तो नही है
तेरी तरफ हूँ मोड़ चुकी
अब तो जीवन की हर राह
कांटें मिले या मिले पुष्प
अब तो कहाँ इसकी परवाह
सब कहते है ये बावरी है
पत्थर से बातें करती है
किस दुनिया में ये रहती है
कलयुग में कृष्णा ढूँढती है
फर्क पड़े न मन पे मेरे
तुझसे लगन लगी है पक्की
एक दिन तू मुझे मिल जायेगा
अगर श्रद्धा मेरी है सच्ची
तेरे चरणों तक मै जाउंगी
तो सुध -बुध कहाँ रह जायेगी
तेरे चरण रज में लोट-लोट
ये दासी तो वही मर जायेगी
कब आयेगा वो क्षण
पुलक उठेगा मन
मिल जायेगी मंजिल
सफल हो जायेगा जीवन
मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009
एक दिन तू मुझे मिल जायेगा
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1 comments:
murliwale se prarthna hai sheeghra aapki sudh le.
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